Free Acupuncture & Naturopathy Medical Camp
March 20, 2023
ऋषिकेश, 19 मार्च। परमार्थ निकेतन में आयोजित सात दिवसीय निःशुल्क एक्यूपंक्चर और प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आज समापन हुआ। अमरीका से आये 14 चिकित्सकों ने दल ने स्वामी शुकदेवानन्द चेरिटेबल हास्पिटल में सैकड़ों व्यक्तियों का ईलाज किया।
आज परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में एक्यूपंक्चर टीम के सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर एक्यूपंक्चर और प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का समापन किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने टीम के सदस्यों को सेवा कार्य हेतु उनका अभिनन्दन करते हुये कहा कि ’सेवा परमो धर्मः‘ सेवा से मन की शान्ति प्राप्त होती है। सेवा से न केवल दूसरों को लाभ प्राप्त होता है उनके दिलों मे ंहमेशा के लिये एक खास जगह बन जाती है। चिकित्सा सेवाओं के माध्यम से चिकित्सक रोगियों को संकट और कष्टों से उबारते हैं इसलिये सेवा का धर्म कभी नहीं छोड़ना चाहिये। सेवा के माध्यम से सभी का दिल जीता जा सकता है। सेवा, समानता और गरिमा के मूल्यों का जीवन में होना अत्यंत आवश्यक है।
एक्यूपंक्चर टीम की प्रमुख सामी रैंक ने बताया कि उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से प्रेरित होकर ऋषिकेश, भारत आकर कैम्प की शुरूआत की। यह तीसरी बार है जब वे परमार्थ निकेतन में आकर कैम्प कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कैम्प के दौरान अधिकांश रोगी तनाव, थायराइड, हाइपरटेंशन और स्ट्रोक के थे। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन अपने आप में एक दिव्य स्थान है, यहां आकर सेवा के साथ-साथ साधना का भी लाभ मिलता है। यहां की गंगा आरती अद्भुत और अलौकिक है।
सामी रैंक ने कहा कि हम पूरी टीम के साथ शीघ्र ही वापस आ रहे हैं। यहां आकर जो शान्ति प्राप्त हुयी वह अद्भुत है। परमार्थ निकेतन आकर भारतीय संस्कृति का जो दर्शन हुआ वह अपने आप में अद्भुत है, अपार है और अलौकिक है। यहां आकर पूज्य स्वामी जी और साध्वी जी से बहुत कुछ पाया। हमने लोगों को ट्रीटमेंट दिया परन्तु हमारा ट्रांसफॅ़ार्मेशन हो गया; रूपांतरण हो गया है, अपने एक नये स्वरूप के साथ हम अपने देश लौट रहे हैं।
एशले जिमेनेज ने बताया कि इस थेरेपी में शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर एकदम पतली सुइयां चुभायी जाती है, उन बिंदुओं का सम्बंध बीमारी से होता हंै। सुइयां चुभाने से शरीर में प्रवाहित होने वाली ऊर्जा का प्रवाह सही दिशा में किया जाता है। इससे शरीर में रक्त का संचरण भी सुचारू रूप से होता है।
एक्यूपंक्चर टीम की प्रमुख सामी रैंक के मार्गदर्शन में लौरा मार्टेल, रीगन पेनेल, लिज रॉस, यासमीन सहहत, एशले जिमेनेज, चेरी जिमर, टायलर हॉलैंड, कैली विलियम्स, विक्टोरिया एरोको, च्लोए ग्रीनहालघ, एलन चुंग, अमांडा वैन एर्ट और सहायक टीम के सदस्य मिशेला हॉलैंड, आनंद ब्रावो, रयान जिमर, आयला मार्टेल ने उत्कृष्ट योगदान दिया। टीम के सदस्य अमरीका के एरिज़ोना, टेक्सास आदि राज्यों से हैं।